Monday, April 29th, 2024

सूबे के विश्वविद्यालयों को अनाधिकृत व्यक्तियों के कब्जे से मुक्त कराएंगे कुलपति

भोपाल
राजभवन में रविवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने प्रदेश के सभी निजी और सरकारी विवि के कुलपतियों की समन्वय समिति की बैठक ली। बैठक में उन्होंने करीब आधा दर्जन कुलपतियों को जमकर फटकार लगाई। क्योंकि उन्हें जिन विश्वास के साथ विवि में नियुक्त किया गया है। इसमें अपने कर्तव्यों से चूक रहे हैं। सूबे के विवि और उनके हास्टल में अनाधिकृत व्यक्तियों का कब्जा बना हुआ है। इसलिए राज्यपाल पटेल ने सभी कुलपतियों से निर्देशित किया है कि सभी विवि अनाधिकृत कब्जों से मुक्त होना चाहिए। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा भी मौजूद थे।

राज्यपाल पटेल गत दिनों देवी अहिल्या विवि इंदौर, महू विवि और विक्रम विवि के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। तीनों विवि में कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल के प्रोटोकाल का पालन नहीं किया गया। इससे राज्यपाल पटेल ने तीनों विवि के कुलपतियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने यहां तक कहाकि कुलपतियों का इस बात का ख्याल रखना चाहिए। राज्यपाल के साथ मंच पर कौन बैठेगा और डिग्रियों का आवंटन कौन करेगा। क्योंकि महू विवि के दीक्षांत समारोह ने रजिस्ट्रार डीके शर्मा ने राज्यपाल पटेल को नजरअंदाज कर धार सांसद छत्तर सिंह दरबार, मंत्री ऊषा ठाकुर से विद्यार्थियों में डिग्रियां देना शुरू कर दिया।

रजिस्ट्रार शर्मा ने शपथ का क्रम बदल दिया है। यहां तक लिखित कार्यक्रम में यकायक बदल दिया। इससे नाराज होकर राज्यपाल पटेल ने पीएस राजन को निर्देशित किया है कि दीक्षांत समारोह की पूरी रुपरेखा तैयार कराकर उसका पालन कराया जाए। बैठक के दौरान उन्होंने कुलपतियों ने कहाकि विवि में अनाधिकृत व्यक्तियों का कब्जा बना हुआ है। ऐसे लोगों को बाहर कर उज्जैन और जबलपुर विवि के सभी विवि को अनाधिकृत कब्जे से मुक्त कराएं। सभी विवि के कर्मचारियों का ग्रुप में पांच-पांच लाख बीमा कराया जाएगा। इसमें 75 फीसदी भुगतान विवि और 25 फीसदी राशि का भुगतान कर्मचारी करेंगे। विवि कर्मचारियों को दो-दो हजार रुपए का चिकित्सा भत्ता दिया जाएगा। पहले उन्हें एक-एक हजार रुपए चिकित्सा भत्ता दिया जाता था, जिसे बढकार तीन-तीन हजार रुपए करने का प्रस्ताव राजभवन भेजा गया था। राज्यपाल पटेल  ने दो-दो हजार रुपए के चिकित्सा भत्ता देने की स्वीकृति दी है।
 
रैक्टर की जरुरत नहीं
राज्यपाल पटेल ने कहाकि भोज मुक्त विवि भोपाल, शंभूनाथ विवि शहडोल और महू विवि महू में रैक्टर के पद बनाकर नियुक्ति की कोई जरुरत नहीं हैं। कुलपति अपने कार्य करने में काफी सक्षम हैं। हालांकि वर्तमान मे जितने भी विवि हैं। उनमें रैक्टर नियुक्ति किए जाएं। क्योंकि कुछ विवि में अपनी तरफ से ही रैक्टर नियुक्ति कर दिए हैं। जबकि ये नियुक्ति राजभवन करेगा। वर्तमान में बीस विवि में रैक्टर के पद करीब चार साल से रिक्त बने हुए हैं।

मेडिकल विवि जाएंगी राज्यपाल
मेडिकल विवि जबलपुर की काफी शिकायतें राजभवन में दर्ज हो चुकी हैं। इससे नाराज होकर राज्यपाल पटेल ने कुलपति डॉ. टीएन दुबे से कहाकि वे स्वयं विवि आकर सभी शिकायतों पर चर्चा करेंगी। उन्हें परीक्षाओं और रिजल्ट में होने वाले विलंब पर डांट भी लगाई। वहीं छिंदवाडा विवि के कुलपति एमके श्रीवास्तव से कहाकि अपका विवि बंद कर दें। क्योंकि विवि गतिविधियां सुचारू रुप से नहीं चल रही हैं। यहां तक मंत्री यादव ने उनसे विधि कालेज विवि में स्थानांतरित करने के लिए कहा है।

मंत्री को नहीं कोई अधिकार
मंत्री यादव ने राज्यपाल पटेल से कहाकि उन्हें कुलपति को तलब करने का अधिकार नहीं हैं। सभी विवि उच्च शिक्षा विभाग में आते हैं। इसलिए राज्यपाल पटेल ने उन्हें निर्देशित किया वे भोज मुक्त विवि जाएं। वहां की समस्याओं को लेकर एक-एक कर्मचारी से बात करें। वहीं कुलपतियों से कहाकि वे प्राचार्यों और प्रोफेसरों से मिलने जाएंगे और इसके पहले राजभवन से अनुमति लेंगे।

नियुक्तियों पर बीयू कुलपति राव की क्लास
उन्होंने बीयू कुलपति आरजे राव को करारी फटकार लगाई। उनसे कहाकि कि परीक्षाओं और रिजल्ट में काफी विलंब हो रहा है। कुलपति राव से रोस्टर का पालन करते हुए पद विज्ञापित करने के कहा तो कुलपति राव बैकलाग के पदों की बात करने लगे, जिसे लेकर राज्यपाल पटेल ने उन्हें दोबार फटकार लगाकर नियुक्तियां जल्द करने के निर्देश दिए। यह पहला मौका नहीं हैं जब कुलपति राव को राज्यपाल पटेल के कोप का भाजक बनना पडा है। इसके पहले भी बीयू रजिस्ट्रार को परीक्षाओं को रिजल्ट नहीं देने पर राजभवन के निर्देश पर विभाग की तरफ से नोटिस दिया गया था। गत वर्ष तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन ने कुलपति राव को परीक्षा और रिजल्ट में होने वाले विलंब पर करारी फटकार लगाई थी।

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